मेरे दोस्तों,
“जहाँ पहुँच के क़दम डगमगाए हैं सब के।
उसी मक़ाम से अब अपना रास्ता होगा।।”
TheClick90 प्लेटफॉर्म के ज़रिए एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। ये लंबे समय से हमारी सोच का एक परिणाम है।
यहां हम रोज के घटनाक्रम, आम व ख़ास शख़्शियतों की ज़िंदगी के पहलुओं पर चर्चा, इतिहास को खंगालते भवनों, किताबों पर बातें, तस्वीरों, वीडियो के ज़रिए गांव-शहरों को देखने-समझने की चाहत। कवियों, शायरों, कॉमेडियन, खिलाड़ियों, कहानीकारों, गायकों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल युवाओं-महिलाओं को मौका।
देश के अहम घटनाक्रमों पर पब्लिक ओपिनियन, डॉक्यूमेंट्री, सफ़रनामा, क्विज़ प्रतियोगिताएं, खाना-खज़ाना, स्पोर्ट्स, गपशप, होम टूर, ओपन माइक इवेंट, आपबीती सहित बहुत कुछ जिन्हें हम और आप जानने-समझने की ख़्वाहिश रखते है। सबपर हमारी टीम की कलमकारी होगी।
कई पहलुओं पर हम लिखेंगे, कई को वीडियो के माध्यम से आपको दिखाएंगे। सफ़र लंबा है, चुनोतियाँ कई है। लेकिन मेहनत और बुलंद हौंसलों के साथ आपकी दुआओं से सबपर पार पाते हुए क़ामयाबी की नई इबारत लिखेंगे।
हमें आपकी राय, मशविरे की जरूरत होगी, बताते रहें। तो आईए इस सफ़र को आप और हम मिलकर आगे बढ़ाएं।
निदा फ़ाज़ली की चंद लाइनों के साथ निकलते हैं सफर पर…
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो।
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।।
कहीं नहीं कोई सूरज धुआं धुआं है फ़ज़ा।
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो।।
यही है ज़िंदगी,कुछ ख़्वाब, चंद उम्मीदें।।
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।